आईएएस मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम: यांत्रिक इंजीनियरी
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम
यांत्रिक इंजीनियरी (वैकल्पिक विषय)
(प्रश्न पत्र -1)
1. यांत्रिकी
1.1 दृढ़ पिंडों की यांत्रिकी: आकाश में साम्यवास्था का समीकरण एवं इनका अनुप्रयोग क्षेत्रफल प्रथम एवं द्वितीय घर्षण की सरल समस्याऍ समतल गति के लिए कणों की शुद्धगतिकी प्रारंभिक कण गतिकी।
1.2 विरूपाणिय पिंडों की यांत्रिकी: व्यापीकृता हुक का नियम एवं इसका अनुप्रयोग, अक्षीय प्रतिबल पर अभिकल्प समस्याऍ, अपरूपण प्रतिबल एवं आधारक प्रतिबल, गतिका भारण के लिए सामग्री के गुण, दंड में बंकन अपरूपण एवं प्रतिबल, मुख्य प्रतिबलों एवं विकृतियों का निर्धारण-विश्लेषिक एवं आलेखी, संयुक्त एवं मिश्रित प्रतिबल, द्विअक्षीय प्रतिबल-तनु भित्तिक दाब भाण्ड गतिक भार के लिए पदर्थ व्यव्हार एवं अभिकल्प कारक, केवल बंकन एवं मरोड़ी भार के लिए गोल शैफ्ट का अभिकल्प स्थैतिक निर्धारी समस्याओ के लिए दंड का विक्षेप, भंग के सिद्धांत।
2. इंजीनियरी पदार्थ
ठोसों की आधारभूत संकल्पनाएं एवं संरचना, सामान्य लोह एवं अलोह पदार्थ एवं उनके अनुप्रयोग, स्टीलों का ताप उपचार, अधातु-प्लास्टिक, सेरेमिक पदार्थ एवं नैनोपदार्थ।
3. यंत्रो का सिद्धांत
समतल -क्रियाविधियों का शुद्धगतिक एवं गतिक विश्लेषण। कैम गियर एवं अधिचक्रिक गियरमलाएं, गतिपालक चक्र, अधिनियंत्रक, दृढ़ा घूर्णकों का संतुलन, एकल एवं बहुसिलिंडरी इंजन, यांत्रिकतंत्र का रैखिक कंपन विश्लेषण (एकल स्वातंत्र्य कोटि), क्रांतिक चाल एवं शैफ्ट का आवर्तन।
4. निर्माण का विज्ञान
4.1 निर्माण प्रक्रम : यंत्र औजार इंजीनियरी - व्यापारी बल विश्लेषण, टेलर का औजार आयु समीकरण रूढ़ मशीनन, NC एवं CNC मशीनन प्रक्रम, जिग एवं स्थायिक।
- आरूढ़ मशीनन - EDM, ECM, पराश्रव्य, जल प्रधार मशीनन, इत्यादि लेजर एवं प्लाज्मा के अनुप्रयोग, ऊर्जा दर अवकलन।
- रुपण एवं वेल्डन प्रक्रम-मानक प्रक्रम।
- मापिकी-अन्वयोजनों एवं सहिष्णुताओं की संकल्पना, औजार एवं प्रमाप, तुलचित्र, लंबाई का निरीक्षण, स्थिति, परिच्छेदिका एवं पृष्ठ संपूर्ति।
4.2 निर्माण प्रबंध : तंत्र अभिकल्प : फैक्टरी अवस्थिति - सरल OR मॉडल, संयंत्र अभिन्यास-पद्धति आधारित, इंजीनियरी आर्थिक विश्लेषण एवं भगं के अनुप्रयोग-उत्पादा वरण, प्रक्रम वरण एवं क्षमता आयोजना के लिए विश्लेषण भी, पूर्व निर्धारित समय मानक।
प्रणाली आयोजना : समाश्रयण एवं अपघटन पर आधारित पूर्वकथन विधियाँ, बहु मॉडल एवं प्रासंभाव्य समन्वयोजन रेखा का अभिकल्प एवं संतुलन, सामग्री सूची प्रबंध-आदेश काल एवं आदेश मात्रा निर्धारण के लिए प्रायिकतात्मक सामग्री सूची मॉडल, JIT प्रणाली युक्तिमय उद्गमीकरण, अंतर-संयंत्र संभारतंत्र।
तंत्र संक्रिया एवं नियंत्रण : कृत्यकशाला के लिए अनुसूचक कलन विधि, उत्पाद एवं प्रक्रम गुणता नियंत्रण के लिए सांख्यिकीय विधियों का अनुप्रयोग, माध्य, परास, दूषित प्रतिशतता दोषों की संख्या एवं प्रति यूनिट दोष के लिए नियंत्रण चार्ट अनुप्रयोग, गुणता लागत प्रणालीयाँ, संसाधन, संघठन, एवं परियोजना जोखिम का प्रबंधन।
प्रणाली सुधार : कुल गुणता प्रबंध, नम्य, कृश एवं दक्ष संगठनों का विकास एवं प्रबंधन जैसी प्रणालियों का कार्यान्वयन।
प्रश्न पत्र -2
1. उष्मागतिकी, गैस गतिकी एवं टर्बो यंत्र
1.1 उष्मागतिकी के प्रथम नियम एवं द्वितीय नियम की आधारभूत संकल्पनाएं, एन्ट्रॉपी एवं प्रतिक्रमणीयता की संकल्पना, उपलब्धता तथा अप्रतिक्रमणीयता।1.2 तरलों का वर्गीकरण एवं गुणधर्म, असंपीड्य एवं संपीड्य तरल प्रवाह मैक संख्या का प्रभाव एवं संपीड्यता, सातत्य संवेग एवं ऊर्जा समीकरण, प्रसामान्य एवं तिर्यक प्रघात, एक विमीय सैमएंट्रॉपी प्रवाह, तरलों का नलिका में घर्षण एवं उर्जाअंतरण के साथ प्रवाह।
1.3 पंखों, ब्लोअरों एवं संपीडित्रो से प्रवाह, अक्षीय एवं अपकेंद्री प्रवाह विन्यास, पंखों एवं संपीडित्रो का अभिकल्प संपीड़नों और टरबाइन, सोपनी की सरल समस्याऐं विवृत एवं संवृत चक्र गैस टरबाइन, गैस टरबाइन में किया गया कार्य, पुनः ताप एवं पुनर्जनन।
2. ऊष्मा अंतरण
2.1 चालन ऊष्मा अंतरण - सामान्य चालक समीकरण - लाप्लास, प्वासों एवं फूरिए समीकरण,
चालक का फूरिए नियम, सरल भित्ति ठोस एवं खोखले बेलन तथा गोलिकों पर लगा एक विमीय
स्थायी दशा ऊष्मा चलन।
2.2 संवहन ऊष्मा अंतरण - न्यूटन का संवहन नियम, मुक्त एवं प्रणोदित संवहन, चपटे तल
पर अंसपीड्य तरल के स्तरीय एवं विक्षुब्ध प्रवाह के दौरान ऊष्मा अंतरण नसेल्ट संख्या
जलगतिक एवं उष्मीय सिमांतपरत एवं उनकी मोटाई की संकल्पनाएं, प्रांटल संख्या ऊष्मा
एवं संवेग अंतरण के बीच अनुरूपता - रेनॉल्ड्स कोलबर्न, प्रांटल अनुरूपताएं, क्षैतिज
नलिकाओं से स्तरीय एवं विक्षुब्ध प्रवाह के दौरान ऊष्मा अंतरण, क्षैतिज एवं
उर्ध्वाधर तलों से मुक्त संवहन।
2.3 कृष्णिका विकिरण - आधारभूत विकिरण नियम जैसे की स्टीफेन बोल्ट्जमैन, प्लांक
वितरण, वीन विस्थापन, आदि।
2.4 आधारभूत ऊष्मा विनियमयित्र विश्लेषण, ऊष्मा विनिमयित्रों का वर्गीकरण।
3. अंतर्दहन इंजिन
3.1 वर्गीकरण, संक्रिया के ऊष्मागतिक चक्र, भंग शक्ति, सूचित शक्ति यंत्रिक दक्षता
ऊष्मा समायोजन चादर, निष्पादन अभीक्षण का निर्वचन पेट्रोल गैस एवं डिजल इंजिन।
3.2 SI एवं CI इंजिनों में दहन, सामान्य एवं असामान्य दहन अपस्फोटन पर कार्यशील
प्राचलों का प्रभाव, अपस्फोटन का न्यूनीकरण, SI एवं CI इंजनों के लिए दहन प्रकोष्ठ
के प्रकार योजक, उत्सर्जन।
3.3 अंतर्दहन इंजिनों को विभिन्न प्रणालीयाँ, अंतर्दहन इंजिनों में विकल्पी ईंधन।
4. भाप इंजीनियरी
4.1 भाप जनन - आशोधित रैंकिन चक्र विश्लेषण, आधुनिक भाप बॉयलर क्रांतिक एवं
अधिक्रांतिक दाबों पर भाप प्रवाह उपस्कर, प्राकृतिक एवं कृत्रिम प्रवात, बॉयलर ईंधन
ठोस द्रव एवं गैसीय ईंधन भाप टरबाइन - सिद्धांत प्रकार संयोजन, आवेग एवं प्रतिक्रिया
टरबाइन, अक्षीय प्रणोद।
4.2 भाप तुंड - अभिसारी एवं अपसारी तुंड में भाप का प्रवाह, आर्द्र, संतृप्त एवं
अधितप्त जैसी विभिन्न प्रारम्भिक भाप दशाओं के साथ अधिकरण निस्सरण के लिए कंठ पर
दाब पश्चादाब विचरण का प्रभाव, तुंडों में भाप अधिसंतृप्त प्रवाह, विलसन रेखा।
4.3 आतंरिक एवं बाह्य अप्रतिक्रम्यता के साथ रैंकिन चक्र, पुनस्ताप गुणक, पुनस्ताप
एवं पुनर्जनन, अधिनियंत्रण विधियां, पश्च दाब एवं उपनिकासन टरबाइन।
4.4 भाप शक्ति संयंत्र - संयुक्त चक्र शक्ति जनन, ऊष्मा पुनःप्राप्ति भाप जनित्र (HRSG) तप्त एवं अतप्त, सहजनन संयंत्र।
5. प्रशीतन एवं वातानुकूलन
5.1 वाष्प संपीडन प्रशीतन चक्र -p-H एवं T-s आरेखों पर चक्र, पर्यावरण अनुकूली
प्रशीतन द्रव्य -R 134 a, R 123 वाष्पित्र द्रवणित्र, प्रसरण साधन जैसे तंत्र सरल
वाष्प अवशोषण तंत्र।
5.2 आर्द्रंतामिति-गुणधर्म प्रक्रम, लेखचित्र, संवेद्य तापन एवं शीतन, आर्द्रीकरण
एवं अनार्द्रीकरण प्रभावी तापक्रम, वातानुकूलन भार परिकलन, सरल वाहिनी अभिकल्प।
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