प्रारंभिक परीक्षा : सामान्य अध्ययन (प्राचीन भारतीय इतिहास) पाषाण युग की संस्कृति व जीवन-शैली - भाग - २

भारतीय इतिहास: पाषाण युग की संस्कृति व जीवन-शैली
(Culture or Lifestyle of the Stone Age)


http://www.iasplanner.com/civilservices/images/ancient-history.pngमध्यपाषाण काल: जीवन शैली (Mesolithic Age : Lifestyle)

परिवर्तन (Changes)


मध्यपाषाण काल का आरंभ ई. पू. 8000 के आसपास हुआ। जलवायु गर्म व शुष्क हो गई। जलवायु परिवर्तन के साथ ही पेड़-पौधे और जीव- जंतुओ में भी परिवर्तन हुए और मानव के लिए नए क्षेत्रों की ओर अग्रसर होना सभंव हुआ।

  • यह पुरापाषाण काल और नवपाषाण काल के बीच का सक्रमण काल है।
  • मध्यपाषाण काल के मानव शिकार करके मछली पकड़कर और खाध वस्तुएँ एकत्रकर अपना पेट भरते थे तथा आगे चलकर वे पशुपालन भी करने लगे । इनमे शुरू के तीन पेशे तो पुरापाषाण काल से ही चले आ रहे थे पर अंतिम पेशा नवपाषाण संस्कृति से जुड़ा है।
  • अब न केवल बड़े बल्कि छोटे जानवरो का भी शिकार होने लगा।
  • औजार बनाने की तकनीक में परिवर्तन हुआ और छोटे पत्थरो का उपयोग किया जाने लगा।
  • इस काल के महत्वपूर्ण हथियार थे - इकधार फलक (Backed Blade) , बेघनी (Points), अर्ध चन्द्रकाल (Lunate) तथा समलम्ब (Trapeze) ।
  • महत्वपूर्ण स्थल: वीरभारपुर (पश्चिम बंगाल), लधनाज (गुजरात), टेरी समूह (तमिलनाडु), आदमगढ़ (म. प्र.), बागोर (राजस्थान), महादहा, सरायनहरराय (उ. प्र.) ।
  • इस काल में सामाजिक - आर्थिक जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ। जनसँख्या में वृदि हुई और आखेट की सुगमता से मनुष्य अब छोटी- छोटी टोलियो में रहने लगा। स्थाई निवास की परंपरा शुरू हुई। पशुपालन एवं कृषि की शुरुआत हुई और मिटटी के बर्तन बनने लगे।

अन्य प्रमुख तथ्य (Other Important Facts)


  • कृषि : इसकी भी शुरुआत हुई ।
  • आग (अग्नि) : आग का आविष्कार हो चुका था।

उदाहरणस्वरूप:-

  • सरायनाहर से पशुओं की अधजली हडिड्यां मिली है।
  • महदहा से गर्त चूल्हे का साक्ष्य मिला है।

बर्तन : बर्तन के साक्ष्य इस काल में प्राप्त होने लगते है।
उदाहरण के लिए:-

  • चोपानीमांडो (इलाहाबाद) से बर्तन के साक्ष्य मिले है तथा विश्व में मिटटी के बर्तन के प्राचीनतम साक्ष्य यही से मिले है।
  • महदहा से सिलबटटा का साक्ष्य

आवास: मध्यपाषाण में आवासी अस्थायी होते थे क्योंकि इस समय भी मानव आखेटक एवं पशुपालक था।
उदाहरण के लिए:-

  • चोपानीमांडो (इलाहाबाद) से झोपड़ी के साक्ष्य मिले है जो मधुमक्खी के छते जैसे है।
  • सरायनहरराय और महदहा से स्तनभगर्त के साक्ष्य मिले है।
  • बागोर से आवास स्थल के साक्ष्य मिले है।

पशुपालन: मध्यपाषाण काल में पशुपालन के साक्ष्य मिलने लगते है लकिन यह अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण आधार नहीं थे।
उदाहरण के लिए:-

  • आदमगढ़ (मध्य प्रदेश) और राजस्थान के बागोर नामक स्थान से पशुपालन के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए है।

नवपाषाण काल : कृषि और पशुपालन (Neolithic Age : Agriculture and Animal Husbandry)

विश्वस्तरीय संदर्भ में नवपाषाण काल 9000 ई. पू. में आरंभ होता है किंतु भारतीय उपमहादीप में नवपाषाण काल की एक ऐसी बस्ती मिली है जिसका आरंभ 7000 ई. पू. माना जाया है । यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में अवस्थित मेहरगढ़ है। यधपि मेहरगढ़ में नवपाषाण काल, तामपाषाण काल और कांस्ययुगीन संस्कृतियों के साक्ष्य मिलते है

  • दक्षिण भारत में पायी गयी नई नवपाषाण बस्तियां 2500 ई. पू. से अधिक पुरानी नहीं है।
  • इस युग में मानव पालिशदार पत्थर के औजारों और हथियारों का प्रयोग करते थे। वे खासतौर से पत्थर की कुल्हाड़ियों का इस्तेमाल किया करते है।

जीवन- शैली में परिवर्तन ( Change in Lifestyle)


1 . सामाजिक क्षेत्र में परिवर्तन (Change in Social Sector)

(क) कृषि
(ख) अधिशेष
(ग) आवास
(घ) वस्त्र
(ङ) आभूषण
(च) बर्तन

2 . आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन ( Change in Economic Sector)
3 . राजनितिक गतिविधि (Political Activities)
4 . धार्मिक क्षेत्र (Religious Sector)

प्रागैतिहासिक पुरातत्विक साक्ष्य (Prehistorical Archaeological Evidances)

स्थान प्राप्त साक्ष्य
मेहरगढ़ प्रथम कृषि का साक्ष्य (रागी)
इनाम गाँव मातृदेवी की लधु मूर्ति, सांड की मृण्मूर्ति, हाथी दाँत के मनके
टेक्कलकोट सोने की बाली
बागोर, आदमगढ़ पशुपालन का प्रथम साक्ष्य
चिरांद हड्डी के औजार
हस्तिनापुर जंगली गन्ना, चावल, कांच कि चूड़ियां
बुर्जहोम गर्त आवास
जखेड़ा लोहे का हँसिया, कुदाल, ताम चूड़ियां
कोल्डीहवा चावल का प्रथम साक्ष्य
नेवासा सूती कपडे का साक्ष्य
अंतरजीखेड़ा कपडे की छपाई के अवशेष

महत्वपूर्ण स्थल : बुर्जहोम (कश्मीर), चिराँद (बिहार), मास्की, ब्रहागिरि, हल्लुक (कर्नाटक), पिकलीहल (आ.प्र.), पैयमपल्ली(तमिलनाडु ) इत्यादि ।

प्रमुख तथ्य (Important Facts)


पचोंह (विंध्य क्षेत्र) : नवपाषाण + तामपाषाण + लौहयुग की क्रमवार तरीके से जानकारी मिलती है।

उत्तर भारत संस्कृति (कश्मीर)

  • बुर्जहोम और गुफकराल- डी. टेरा और पीटरसन ने इन स्थलों की खोज की।
  • गर्त आवास के साक्ष्य
  • हड्डी के उपकरण
  • शवाधान
  • सूक्ष्म पाषाण का अभाव

बुर्जहोम

  • यहाँ की अर्थव्यवस्था आखेट एवं मछली के शिकार पर आधारित थी लेकिन दूसरे चरण में कृषि एवं पशुपालन के प्रमाण मिलने लगते है।
  • मानव को कुत्ते के साथ दफनाने को साक्ष्य ।
  • गर्तआवास के ज्यादा प्रमाण मिले है ।

गुफ्कराल

  • सिलबटटा
  • हड्डी की सुई

दक्षिण भारत में नवपाषाण संस्कृति के विकास का उदाहरण नार्गाजुनीकोडा से मिलता है।

  • 1863 - राबर्ट बुशबूट - पाषाण युगीन अनुसधान प्रारंभ करने का श्रेय इन्ही को जाता है।
  • 1867 - सी कार्लाइल- मध्यपाषाण कालीन स्थलों की सर्वप्रथम पहचान विध्यक्षेत्र में की ।
  • 1935 - एल. कैबिज,डी. टेरा और पीटरसन - पाषाण युगीन अनुसंधान।
  • भीमबेटका - इस स्थल की खोज वणककर महोदय ने किया ।
  • एच डी संकालिया (पुरातत्वविद)
    • सर्वाधिक पाषाणकालीन अनुसंधान ।
    • पहलगाम (कश्मीर) से एक हस्तकुठार की खोज की ।

परीक्षा के दृष्टिकोंण से अभ्यास हेतु कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

1 . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये।
(i) पुरापाषाण संस्कृति का उदय अभिनूतन युग में हुआ था।
(ii) पुरापाषाण काल में धरती बर्फ से ढ़की हुई थी ।
(1) केवल (i)
(2) केवल (ii)
(3) (i) और (ii) दोनों
(4) न तो (i) और न ही (ii)

2 . निम्नलिखित पर विचार कीजिये।

	काल         	    		मुख्य औजार
(i) निम्न पुरापाषाण काल 	-	काटने वाले औजार जैसे - खुरचनी 
(ii) मध्य पुरापाषाण काल 	- 	वेधनी, फलक 
(iii) उच्च पुरापाषाण काल 	- 	तक्षणी 

उपरोक्त में कौन- सा / से सुमेलित है /हैं?
(1) केवल (i) (2) (i) और (ii)
(3) (i) और (iii) (4) उपरोक्त सभी

3 . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये
(i) हड्डी के उपकरणो और शवाधान के साक्ष्यो का संबध उत्तर भारत की संस्कृति से हैं।
(ii) सिलबटटा और गर्तआवास के अधिकाधिक साक्ष्यो का संबध बुर्जहोम से हैं।
उपरोक्त में कौन- सा / से सत्य है /हैं?
(1) केवल (i) (2) केवल (ii)
(3) (i) और (ii) दोनों (4) न तो (i) और न ही (ii)


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