आईएएस सिलेबस का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण क्यों है?

सिविल सेवा परीक्षा के सिलेबस का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण क्यों है?

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले सभी अभ्यर्थियों के मन में इस परीक्षा से संबंधित सवाल रहते हैं, जैसे ’इस परीक्षा तैयारी कब और कैसे शुरू करें’, ’इसका सिलेबस क्या और कितना होता है’ आदि। सभी नये उम्मीदवारों को हम यह सलाह देते हैं, कि सिविल सेवा की तैयारी शुरू करने से पहले उम्मीदवार को इस परीक्षा से जुड़ी मूलभूत जानकारी के लिये यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट (www.upsc..gov.in) का संदर्भ लेना चाहिए और तैयारी शुरू करने से पहले परीक्षा के पाठ्यक्रम को इसी वेबसाईट से डाउनलोड कर लेना चाहिए।

परीक्षा पठ्यक्रम यहां से डाउनलोड करें।

हम सभी को यह भलीभांति समझना चाहिये कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी केंद्रित तथा सुव्यवस्थित रणनीति से करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें अपने प्रत्येक प्रयासों को अच्छी तरह से व्यवस्थित करना चाहिए ताकि हम इस परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ परीक्षक की अपेक्षाओं को भी पूरा कर सकें। यह ध्यान रखें कि कॉलेज के दिनों में हम हमारे सेमेस्टर की सिलेबस को विस्तार से पढ़ना उतना महत्वपूर्ण नहीं समझते थे लेकिन यूपीएससी द्वारा आयोजित इस सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिये इस प्रकार की आदतें हमे पूर्णत: बदलनी होंगी तथा संपूर्ण सिलेबस को कंठस्थ करना होता है। याद रखें यदि आप अपने अध्ययन विषय का सिलेबस नहीं याद कर सकते तो फ़िर उसकी तैयारी भी सटीक नहीं रहेगी।

इस लेख में हम यूपीएससी पाठ्यक्रम के विश्लेषण के बारे में चर्चा करेंगे और अपनी आईएएस परीक्षा की तैयारी को शुरू करने के लिए सटीक रणनीति के बारे विस्तार से समझेंगे।

पाठ्यक्रम के विश्लेषण का महत्व


नये अभ्यर्थियों में प्राय: परीक्षा के पाठ्यक्रम को लेखर एक भ्रम की स्थिति देखने को मिलती है, कि परीक्षा में किसी विषय से कब क्या और कितना पूछा जायेगा। इसे ठीक से समझने के लिये  हम एक उदाहरण लेते हैं:-

यह देखा गया है कि मुख्य परीक्ष सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्रों में पूछे जाने वाले प्रश्न अथवा टापिक्स कई उम्मीदवारों के मन में यह भ्रम पैदा करते हैं, कि यह टापिक प्रारंभिक परीक्षा से संबंधित है या मुख्य परीक्षा से? इस प्रकार की भ्रम की स्थित तभी पैदा होती है जब हमें अपने विषय का पाठ्यक्रम याद ना हो, इसलिये पाठ्यक्रम का अध्ययन केवल उसकी अध्ययन सूची नहीं है बल्कि इससे आपको यह पता चल पाता है कि हमें कब क्या पढ़ना है और कब क्या नहीं पढ़ना है। साथ-साथ उनकी तैयारी के लिये उपयोगी और संबंधित स्रोतों के चयन में भी मदद मिलती है, यह भी ध्यान रखें कि यही रणनीति वैकल्पिक विषयों की तैयारी के लिये भी लागू होती है।

इसके अलावा, उम्मीदवारों को पिछले वर्षों की परीक्षा के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण उसके पाठ्यक्रम के अनुसार करने की सलाह दी जाती है। इस प्रकार से आपको संबंधित विषयों से पूछे गए प्रश्नों का विश्लेषण करने के बाद पाठ्यक्रम तथा प्रश्नों के संबंध को समझने में और अधिक मदद मिलती है।

ध्यान देने योग्य कुछ आवश्यक बातें


परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले यूपीएससी पाठ्यक्रम का विश्लेषण करना उम्मीदवारों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। आईएएस पाठ्यक्रम का पहले से विश्लेषण करने के फायदे नीचे दिए गए हैं:

आपको अपने पाठ्यक्रम के अनुसार एक निर्धारित समय सारणी और अध्ययन योजना का निर्माण करना चाहिये। इस प्रकार से आप प्रत्येक विषय की तैयारी के लिए एक समान रूप से आवश्यक समय दे पाएंगे ताकि सभी विषयों को निर्धारित समय सीमा में पूरी तरह से कवर किया जा सके।

सिविल सेवा परीक्षा की नोटिफिकेशन में परीक्षा से संबंधित सभी विषयों के विस्तृत पाठ्यक्रम दिये जाते हैं। उम्मीदवार अपने लिये चुने गये विषयों के पाठ्यक्रम को पढ़ सकते हैं और विषयों के पाठ्यक्रम से उनकी परिचितता को समझ सकते हैं, इस प्रकार से आप अपनी तैयारी सही दिशा में कर सकते हैं।

उम्मीदवारों के लिए उचित वैकल्पिक विषयों का चयन करना भी एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय होता है, इसलिये आप सभी उपलब्ध विकल्पों की सूची को देखें और पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए अपनी रुचि तथा तैयारी के स्तर के आधार पर उपयुक्त वैकल्पिक विषय का चयन कर सकते हैं। वैकल्पिक विषयों से जुड़ी अवधारणाओं और इसके संबंधित भ्रम को समझनें के लिये नीची दिये गये अर्टिकल्स को पढ़ें।

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