यूपीएससी परीक्षा: आवेदन से लेकर IAS Officer बनने तक की जानकारी।

IAS Officer Journey

क्या आप आईएएस ऑफिसर बनना चाहतें हैं? क्या आपका सपना एक Administrative Service Officer बनकर देश की सेवा करना है? यदि हां, तो इस आर्टिकल में हम आपको इस परीक्षा के लिये आवेदन से लेकर एक आईएएस अधिकारी बनने तक के सफर के बारे में बतायेंगे। एक प्रशासनिक सेवा (एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) अधिकारी के लिये उचित उम्मीदवार का चुनाव करना एक बहुत की चुनौती भरा कार्य है। इसी कारण से सिविल सेवा परीक्षा को इस प्रकार से बनाया गया है कि केवल योग्य अभ्यर्थियों का ही सेलेक्शन हो सके।

हम सभी यह जानते हैं कि प्रतिवर्ष लगभग 5 से 6 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा के लिये आवेदन भरते हैं लेकिन इनमें से तकरीबन एक हजार कैंडिडेट ही सफल हो पाते हैं। यह भारतवर्ष की सबसे बडी सरकारी नौकरी है, जो किसी ना किसी रूप से नागरिकों के जीवन को प्रभावित करती है चाहे वो शहर हों या जिले, राज्य सरकार हो या फिर भारत सरकार, हर सर्वोच्च पद पर एक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस ऑफिसर ही होता है।

अब हम इस परीक्षा के आवेदन तथा सेवाओं के लिये विज्ञप्तियों से जुड़ी बातें समझेंगे।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) प्रतिवर्ष सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है। हर साल फरवरी माह में इन परीक्षाओं के लिये तिथियों की घोषणा जाती है जिसमें आईएएस के अलावा चौबीस (24) अतिरिक्त सेंट्रल सिविल सर्विसेज (Central Civil Services) के लिये भी विज्ञापन दिया जाता है।

भारत में IAS (Indian Adminisrative Service), IPS (Indian Police Service) तथा IFoS (Indian Forest Service) को आल इंडिया सर्विसेज कहा जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य सर्विसेज सेन्ट्रल सिविल सर्विसेज में आती हैं जिनमें IFS (Indian Foreign Service) शीर्ष पर आती है। पिछ्ले कई वर्षों से इस परीक्षा विज्ञापन में तकरीबन हजार सीटें विज्ञापित की जाती हैं और अंतिम मेरिट सूची के अनुसार सभी चयनित अभ्यर्थियों को उनके क्रमानुसार सर्विसेज प्रदान की जाती हैं।

पात्रता मानदंड, शैक्षिक योग्यता


इस परीक्षा में भारतीय नागरिकों के अलावा तिब्बत के रिफ्यूजी (Refugees-शरणार्थी), भूटान और नेपाल के लोग भी शामिल हो सकते हैं, किन्तु आईएएस (IAS) तथा आईपीएस (IPS) बनने के लिये उम्मीदवार का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है। इस अतिरिक्त जो लोग भारत से बाहर अन्य देशों मे रह रहे हैं वो भी इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं।

शैक्षिक योग्यता: इस परीक्षा में बैठने के लिये किसी भी मान्यता प्राप्त शैक्षिक संस्थान से ग्रेजुएट की डिग्री अनिवार्य है, फाइनल ईयर के स्टूडेंट भी इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं। इस परीक्षा को देने के लिये किसी भी प्रकार के मिनिमम परसेंटेज की सीमा निर्धारित नहीं है तथा किसी विशेष अनिवार्य विषय की भी आवश्यकता नहीं होती है। अर्थात किसी भी विषय से ग्रेजुएट उम्मीदवार इस परीक्षा के लिये योग्य होगा।

अधिकतम आयु सीमा


यह गणना विज्ञापित वर्ष 1 अगस्त से की जाती है। इस परीक्षा मे भाग लेने के लिये अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिये। विभिन्न श्रेणियों के हिसाब से सभी के लिये अलग-अलग आयु सीमा निर्धारित की गई है जो निम्नानुसार है:

  • सामान्य (GENERAL): 32 वर्ष

  • ओबीसी (OBC): 35 वर्ष

  • एससी/एसटी (SC/ST): 37 वर्ष

नोट: शारीरिक रूप से दिव्यांग उम्मीदवारों के लिये और भी अधिक अधिकतम आयु सीमा निर्धारित की गई है। और अधिक जाननें के लिये यहां क्लिक करें।

आवेदन-पत्र भरने का तरीका


आवेदन शुल्क: 100 रुपये। फीस का भुगतान स्टेट बैंक की किसी भी शाखा / कैश डिपॉजिट / नेटबैंकिंग अथवा क्रेडिट / डेबिट कार्ड के माध्यम से कर सकते हैं। SC/ST, शारीरिक रूप से अशक्त और महिला उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क नहीं देना होगा।

सिविल सेवा परीक्षा देशभर के लगभग 72 शहरों के अलग-अलग केन्द्रों पर आयोजित कराई जाती है, जिसमें भाग लेने के लिये आनलाईन आवेदन प्रक्रिया द्वारा फार्म भरने के लिये लगभग एक माह का समय दिया जाता है। फार्म भरते समय अभ्यर्थी को अपने आप से जुड़ी सामान्य जानकारी देनी होती है, जैसे अभ्यर्थी का नाम, माता व पिता का नाम इत्यादि। इस फार्म को भरते समय सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिये एग्जाम सेंटर का चुनाव भी करना होता है।

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिये वैकल्पिक विषय (Optional Subject) का चुनाव भी हमें इसी फार्म को भरते समय करना होता है। अभ्यर्थी को परीक्षा विज्ञापन में दिये गए 26 वैकल्पिक विषयों में से किसी एक विषय को मुख्य परीक्षा के लिये चुनना होता है। इस परीक्षा को हिन्दी अथवा अंग्रेजी माध्यम में देने के लिये भाषा माध्यम भी इसी फार्म को भरते समय निर्धारित करना होता है। ध्यान रहे कि अभ्यर्थी द्वारा निर्धारित परीक्षा के माध्यम के अतिरिक्त अन्य माध्यम में परीक्षा देने पर उत्तर पुस्तिका को चेक नहीं किया जाएगा।

फार्म भरते समय ही आपको अपनी पसन्द की सर्विसेज का क्रमवार चयन भी करना होता है, इसी को सर्विस प्रिफरेंस कहा जाता है। साथ ही साथ आपको अपने पसंदीदा राज्यों की सूची भी क्रमबद्ध रूप से देनी होती है। उदाहरण के तौर पर कि आप कहां या किस राज्य में कार्य करना पसंद करेंगे।

महत्वपूर्ण प्रश्न: कौन से अभ्यर्थी आवेदन नही सकते या परीक्षा में बैठने के लिये प्रतिबंधित हैं?
उत्तर:
पिछली किसी भी परीक्षा में भाग ले चुके अभ्यर्थी जिनका चयन IAS या IFoS में हो चुका हो वे दोबारा यह फार्म नही भर सकते।

परीक्षा के लिये निर्धारित अटेम्प्ट (प्रयासों की संख्या)


सिविल सेवा परीक्षा में हर क्ष्रेणी के उम्मीदवार के लिये अलग-अलग अटेम्प्ट (Attempts) निर्धारित किये गए हैं।

  • सामान्य क्ष्रेणी (GENERAL): 6 अटेम्प्ट

  • ओबीसी वर्ग (OBC): 9 अटेम्प्ट

  • एससी/एसटी (SC/ST): इस वर्ग के लिये अटेम्प्ट की कोई सीमा निर्धारित नहीं है। (No Attempts Restriction)

नोट: परीक्षा के लिये केवल फार्म भरने को Attempt की तरह नहीं गिना जाता है। ध्यान रहे कि यदि आप प्रारंभिक परीक्षा के किसी एक परीक्षा (पेपर) में सम्मिलित होते हैं तो इसे एक Attempt माना जाएगा।

परीक्षा का पैटर्न और प्लान


यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को दो चरणों में बांटा गया है जिसमें पहले सिविल सेवा प्रारंभिक (Preliminary Exam) परीक्षा और फिर मुख्य परीक्षा है। मुख्य परीक्षा (Mains Exam) को भी दो भागों में बांटा गया है, जिसमें पहले है लिखित मुख्य परीक्षा तत्पश्चात साक्षात्कार (Interview)।

प्रथम चरण में होने वाली प्रारंभिक परीक्षा के अंक फाइनल मेरिट में नहीं जोड़े जाते हैं। प्रिलिमिनरी परीक्षा एक प्रकार से क्वालीफाइंग मात्र है जो कि उम्मीदवारों की अधिक संख्या को कम करने के लिये भी आयोजित की जाती है। मुख्य परीक्षा के दोनों भागो में अर्जित किये गयें अंको के आधार पर उम्मीदवारों की फाइनल मेरिट लिस्ट निर्धारित की जाती है।

सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा परीक्षा


पेपर - 1 (सामान्य अध्ययन): पहले पेपर में 100 प्रश्न होते हैं जिसमें प्रत्येक प्रश्न 2 अंको के लिये होता है तथा इस पेपर को हल करने के लिये 2 घंटे का समय निर्धारित किया गया है।

प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन के दो प्रश्न पत्र होते हैं जिनमें प्रथम प्रश्न पत्र जनरल स्टडीज (General Studies) के सभी क्षेत्रों को कवर करता है, जैसे: HISTORY, ECONOMY, GEOGRAPHY, INDIAN POLITY & GOVERNANCE, TECHNOLOGY, GENERAL SCIENCE, ENVIRONMENT और CURRENT AFFAIRS/EVENTS इत्यादि।

पेपर - 2 (सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट): दूसरे पेपर में 80 प्रश्न होते हैं तथा इस पेपर को हल करने के लिये भी 2 घंटे का समय मिलता है।

प्रारंभिक परीक्षा के दूसरे पेपर जिसे सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) कहते हैं इसमें बैंकिंग (Bank Exam) तथा एसएससी (SSC Exam) परीक्षा के स्तर के प्रश्न पूंछे जाते हैं। इस पेपर में मुख्यत: Reading Comprehension, Logical Reasoning तथा Basic Numeracy इत्यादि।

नोट: इस परीक्षा में प्रत्येक गलत उत्तर के लिये 1/3 के अनुपात में निगेटिव मार्किंग होती है। प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जुलाई माह के अंत तक घोषित कर दिया जाता है। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में सम्मिलित होने के लिये प्रारंभिक परीक्षा पास करना अनिवार्य होता है। इस परीक्षा में भाग लेने वाले तकरीबन 5 लाख लोगों में से केवल 15 हजार उम्मीदवारों का चयन मुख्य परीक्षा के लिये हो पाता है।

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा


प्रारंभिक परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में सम्मिलित होने के लिये दोबारा आनलाईन आवेदन करना होता है, जिसे हम डिटेल्ड एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) कहते है और साक्षात्कार (Interview/Personality Test) में भी इसका काफी महत्व होता है तथा इस फार्म को भरने के लिये तकरीबन 20 दिनों का समय मिलता है। लिखित मुख्य परीक्षा में विज्ञापित सीटॊं की संख्या के 15 गुना उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।

मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्र सब्जेक्टिव/व्यक्तिपरक (Subjective) होते हैं तथा प्रश्न पत्र को हल करने के लिये उम्मीदवारों को 3 घंटे का समय दिया जाता है। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में दो प्रकार के पेपर होते हैं, एक तो वो पेपर जो सभी के लिये समान होते हैं तथा दूसरा है वैकल्पिक विषय (Optional Subject) के पेपर्स जिसे अभ्यर्थी अपने रुचि के हिसाब से चुनते हैं।

इस परीक्षा में कुल नौ प्रश्न पत्र (Nine Papers) होते हैं जिनका कुल योग 1750 अंको का होता है। जिसमें सामान्य अध्ययन (General Studies) के कुल चार पेपर होते हैं तथा अंग्रेजी, निबंध एवं भारतीय भाषा के लिये एक-एक पेपर होते हैं। इसके अतिरिक्त वैकल्पिक विषय (Optional Paper) के कुल दो प्रश्नपत्र होते हैं, पेपर - I तथा पेपर - II.

मुख्य परीक्षा के इन सभी नौ पेपरों में से सात पेपरों पर विशेष फोकस की आवश्यकता होती है, क्योंकि इन्ही सात पेपरों में अर्जित किये गये अंको के आधार पर फाइनल मेरिट बनाई जाती है। अंग्रेजी तथा सामान्य भाषा के दोनो पेपर्स 300 अंको के होते हैं और इन्हें केवल पास करना होता है जिसके लिये उम्मीदवार को 25% अंको की आवश्यकता होती है तथा इन दोनो पेपर्स के प्राप्तांक फाइनल मेरिट में नहीं जोड़े जाएंगे। बाकी के सभी सात पेपर्स 250 अंको के होते हैं जिनके प्राप्तांक फाइनल मेरिट में सम्मिलित किए जाते हैं।

नोट: भारतीय भाषा का अनिवार्य (Compulsory) प्रश्नपत्र मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम तथा मिजोरम के उम्मीदवारों के लिये अनिवार्य नहीं होता है।

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा सिलेबस


पेपर (A): संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं में से कोई एक भाषा उम्मीदवारों द्वारा चुनी जानी चाहिये।

पेपर (B): अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंशन एवं सार लेखन

निबंध (ESSAY): इस पेपर में दिये गये टापिक्स में से दो निबंध तीन घंटों में लिखने होते हैं तथा प्रत्येक निबंध 125 अंको का होता है। इस पेपर में मुख्यत: Politics, Society, तथा Philosophy आदि से टापिक पूछे जाते हैं।

सामान्य अध्ययन

  • पेपर - 1: इस पेपर में Indian History, Art & Culture, World Geography तथा Society इत्यादि से जुड़े प्रश्न आते हैं।
  • पेपर - 2: इसमें Governance & Constitution, Polity तथा Social Justice & International Relations इत्यादि कवर किये जाते हैं।
  • पेपर - 3: इस प्रश्नपत्र में Technology, Economic Development, Biodiversity & Disaster Management में से प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • पेपर - 4: इस पेपर में Ethics, Integrity तथा Aptitude से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यदि सरल भाषा में समझें तो इस पेपर में यह आंकलन किया जाता है कि आपकी सोंच, विचारधारा और किसी घटना को लेकर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी इत्यादि।

नोट: सभी सामान्य अध्ययन पेपरों में 20 प्रश्न होते हैं जिनका उत्तर तीन घंटो में देना होता है। प्रत्येक 10 अंको के लिये 150 शब्दों की तथा 15 अंको के उत्तर के लिये 250 शब्दों की शब्द सीमा भी निर्धारित की गयी है। किन्तु Ethics के पेपर में Case Studies से जुड़े प्रश्न आते हैं, इसलिये इस पेपर में केवल 12 प्रश्न ही पूछे जाते हैं। ध्यान रहे कि Ethics के पेपर का कोई स्ट्रक्चर फिक्स नहीं होता है इसलिये यह किसी भी वर्ष बदल सकता है।

वैकल्पिक विषय (कुल दो पेपर) : प्रत्येक प्रश्नपत्र में कुल आठ प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका उत्तर तीन घंटो में देना होता है। [ विस्तृत सिलेबस के लिये यहां क्लिक करें। ]

सिविल सेवा साक्षात्कार / इंटरव्यू


मुख्य परीक्षा का रिजल्ट अगले वर्ष मार्च तक घोषित कर दिया जाता है तथा मुख्य परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की संख्या विज्ञापित सीटों की संख्या से ढाई गुना होती है। यानी लगभग 15000 लोगों में से 2500 उम्मीदवार ही सिविल सेवा इंटरव्यू के लिये चयनित हो पाते हैं। साक्षात्कार/इंटरव्यू सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का दूसरा भाग होता है जिसे पर्सनालिटी टेस्ट भी कहते है जो कि कुल 275 अंको का होता है। इंटरव्यू के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्न पहले से निर्धारित नही होते है तथा पूछे जाने वाले प्रश्न आपके द्वारा भरे गये Detailed Application Form (DAF) से ही पूछे जाते हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि जब आप अपना डीटेल्ड एप्लीकेशन फार्म (डीएएफ)  भर रहें हो तो उसे पूरी सच्चाई के साथ भरें।

आईएएस इंटरव्यू के लिये उम्मीदवारों को यूपीएससी के दिल्ली में स्थित धौलपुर हाउस, शाहजहां रोड परिसर में आना होता है। यहीं उम्मीदवारों के सभी Original Documents (मूल दस्तावेजों) वेरीफिकेशन किया जाता है तथा एक कामन हाल में बैठाया जाता है। यूपीएससी के मेंबर्स की अध्यक्षता में एक इंटरव्यू पैनल बनाया जाता है जो कि उम्मीदवारों का इंटरव्यू करते है। साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थी का कॉन्फिडेंस, एटीट्यूड तथा प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल चेक किया जाता है तथा साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थी की पर्सनालिटी का व्यक्तिपरक आकलन (Subjective Assessment) भी किया जाता है।

सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू लगभग बीस दिनों तक चलते हैं तथा इसके दस दिनों के बाद फाईनल रिजल्ट प्रकाशित कर दिया जाता है। फाईनल मेरिट लिस्ट सिविल सेवा मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू में प्राप्त किये गये अंको के आधार पर बनाई जाती है तथा इसी के आधार पर सर्विसेस प्रदान की जाती हैं। प्राय: 100 रैंक तक में आने वाले अभ्यर्थियों को आईएएस (IAS) सेवा मिलती है। रिजल्ट घोषित होने के कुछ दिनो के बाद  UPSC (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) सफल उमीद्वारों की अनुशंसित सूची Ministry of Personnel को भेजता है जिसके बाद सफल उम्मीदवारों को अप्वाइंटमेंट लेटर जारी किये जाते हैं।

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