प्राचीन भारत: संगम युग का राजनीतिक इतिहास।

संगम युग का राजनीतिक इतिहास


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संगम युग

  • यह युग दक्षिणी भारत में पहली शताब्दी से दूसरी सदी (1st century B.C. to the end of 2nd century A.D.) के बीच की अवधि में था।
  • प्राचीन दक्षिण भारत में आयोजित तीन संगम थे, जिन्हें लोकप्रिय रूप से Muchchangam कहा जाता था।
  • इन संगमों का विकास मदुराई के पांड्या राजाओं के शाही संरक्षण के तहत हुआ।
  • संगम युग के दौरान प्रमुख तीन राजवंशों ने शासन किया जिनमें चेर, चोल और पाण्ड्य राजवंश थे।
  • इन राज्यों के साक्ष्य के मुख्य स्रोतों को संगम अवधि के साहित्यिक संदर्भों में रेखांकित किया गया है।

चेर राजवंश

  • चेर राजवंश का आधुनिक केरल के प्रमुख भागों पर शासन रहा।
  • उस समय चेर की राजधानी वंची थी और चेर राजवंश का प्रतीक 'धनुष और तीर' है।
  • इस अवधि में तोंडी और मुसीरी महत्वपूर्ण बंदरगाह थे।
  • Senguttuvan - சேரன் செங்குட்டுவன் संगम काल में चेर साम्राज्य का शासक था।
  • Senguttuvan - சேரன் செங்குட்டுவன் की सैन्य उपलब्धियों को महाकाव्य शिलप्पदिकारम में दर्ज किया गया है।

  • उन्होंने हिमालय के लिए एक अभियान किया जिसके दौरान उन्होंने कई उत्तरी भारतीय शासकों को हराया था।

  • सेंगुट्टवन (Senguttuvan) ने पट्टिनी पंथ या कण्णगि की आदर्श पत्नी के रूप में पूजा करने की शुरुआत तमिलनाडु में की।

  • वह दक्षिण भारत से चीन में एक राजदूत भेजने वाले पहले शासक थे।

चोल राजवंश (Chola dynasty)

  • संगम काल में चोल साम्राज्य तिरुची जिले से दक्षिणी आंध्र प्रदेश तक फैला हुआ था।

  • प्रारंभ में, चोल की राजधानी உறையூர் (उरैयूर) थी और बाद में காவிரிப்பூம்பட்டினம்( पुहर / Poompuhar) में चली गई।

  • राजा करिकला (கரிகால் சோழன் / Karikala) चोल वंश के एक प्रमुख राजा थे।

  • चोल राजवंश का प्रतीक चिन्ह बाघ था।

  • कडियालुर उरुत्तिरंगा (கடியலூர் உருத்திரங்கண்ணனார் / Kadiyalur Uruttirangannanar) द्वारा लिखित पट्टिनप्पलाई (பட்டினப் பாலை / Pattinappaalai) में उन्होंने अपने जीवन और सैन्य अधिग्रहण को दर्शाया है।

  • विभिन्न संगम कविताओं में वेन्नी के युद्ध की व्याख्या मिलती हैं जहां उन्होंने चेर, पाण्ड्य राजवंश और अन्य गठबंधनों को हराया था।

  • Vahaipparandalai इनमें से एक और महत्वपूर्ण लड़ाई थी जो Karikala द्वारा लड़ी गयी थी। उसने अपने शासन के दौरान व्यापार और वाणिज्य क्षेत्र को संपन्न बनाया।

  • उसने जंगल से प्राप्त भूमि के लिए कावेरी नदी के पास सिंचाई के टैंकों द्वारा खेती के लिए पानी उपलब्ध कराया।

पाण्ड्य राजवंश (Pandyan dynasty)

  • पाण्ड्यों ने समकालीन तमिलनाडु के दक्षिणी क्षेत्र पर शासन किया।

  • मदुरई पाण्ड्य राजवंश की राजधानी थी।

  • उनका प्रतीक கெண்டைமீன் (குடும்பம்) 'Carp' (एक प्रकार की मछली) था।

  • पौराणिक कथाओं के अनुसार, कोवलन (கோவலன் / Kovalan) की पत्नी कण्णगि के शाप ने मदुरई को जलाकर नष्ट कर दिया था।

  • Korkai (கொற்கை / कौरकई) के बंदरगाह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का उल्लेख Madurai Kaanchi में हुआ था, जिसे Mangudi Maruthanar / मंगुड़ी मारुथनार ने लिखा था।


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