सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए एथिक्स पेपर (जीएस - IV) कैसे तैयार करें।

यूपीएससी सीएसई मुख्य परीक्षा और उच्च स्कोर के लिए एथिक्स पेपर कैसे तैयार करें

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यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में कुल 10 पेपर होते हैं जिनमें 2 लैंग्वेज पेपर (क्वालीफाइंग), 1 निबंध पेपर, 4 सामान्य अध्ययन  पेपर (GS-I, GS-II, GS-III और GS-IV) और 2 वैकल्पिक विषय (ऑप्शनल) पेपर शामिल हैं। इन सभी पेपरों में से एथिक्स सामान्य अध्ययन - IV पेपर का हिस्सा है। इस लेख में हम एथिक्स पेपर की तैयारी के लिये रणनीति तथा उपयोगी अध्ययन सामग्री के बारे में समझेंगे।

सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में एथिक्स पेपर (GS-IV) छह साल पहले सन 2013 में शामिल किया गया था, लेकिन अभ्यर्थियों में इसकी तैयारी तथा अध्ययन के सटीक स्रोतों की जानकारी अभी भी अस्पष्ट बनी रहती है। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि आधिकारिक तरीके से इसकी मूल बातें समझाने वाली कोई भी अच्छी व सटीक पुस्तक उबलब्ध नहीं है। यदि हम इसके पाठ्यक्रम  देखें तो इसकी व्याख्या बहुत व्यापक रूप से की जा सकती है, किन्तु हममें से अधिकांश के पास इस विषय की समझ के लिये किसी प्रकार की पूर्व पृष्ठभूमि भी नहीं है। क्योंकि, इससे संबंधित कोई स्नातक स्तर का पाठ्यक्रम भी नहीं रहा है और अभी भी उपलब्ध नहीं है। इस विषय को तैयार करने के लिए "नैतिकता की समझ" से संबंधित अध्ययन सामग्री और रणनीति के माधम से छात्रों के भ्रम को दूर करने के लिए हमने इस लेख को संकलित किया है, जिसमें कुछ मानक अध्ययन सामग्री स्रोतों को संदर्भित किया जाएगा और एक कार्य योजना के बारे में भी बात करेंगे जिसे आप इस विषय के पेपर की तैयारी के लिए अपना सकते हैं।

एथिक्स , इंटीग्रिटी और एप्टीट्यूड पेपर के लिए अध्ययन सामग्री


शुरुआत लेक्सिकन (शब्दसंग्रह) से करें और उसके बाद अगले चरण में पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों का अध्ययन करें, क्योंकि पाठ्यक्रम के दायरे में पूछे गए प्रश्नों के प्रकार को समझने के लिए यह सबसे प्रामाणिक स्रोत रहेगा। यदि आप किसी कोचिंग संस्थान से तैयारी कर रहे हैं तो उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली अध्ययन सामग्री से तैयारी करना आपके लिये उचित रहेगा।

नैतिकता के शिक्षक तीन पृष्ठभूमियों में से किसी एक से आते हैं - दर्शन शिक्षक, मनोविज्ञान शिक्षक और लोक प्रशासन शिक्षक। वे सभी अपना दृष्टिकोण लाते हैं जो एक ही समय में उपयोगी और सीमित भी होता है। यह बात ध्यान रखें कि किसी शिक्षक की पृष्ठभूमि के आधार पर क्लास नोट्स अलग-अलग हो सकते हैं। आपको अध्ययन तथा प्रश्नों के उत्तर देते समय विचार सामग्री में प्रत्येक की विशेषज्ञता तथा अवधारणाओं को शामिल करना होता है।

जहां तक ​​मानक प्रकाशित पुस्तकों का संबंध है, बहुत से अभ्यर्थी "सुब्बा राव द्वारा लिखित एथिक्स, इंटीग्रिटी और एप्टीट्यूड" की पुस्तकों की अनुशंसा करते हैं, क्योंकि यह सिद्धांत और व्यवहार के बीच कुछ हद तक संतुलित दृष्टिकोण प्रदान करती है। इस क्षेत्र में आम तौर पर तीन प्रकार के लेखक होते हैं, जैसे - कुछ सफल उम्मीदवारों ने अपने अनुभव के आधार पर किताबें लिखी हैं, कुछ विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और शिक्षाविदों ने किताबें लिखी हैं, और अंत में कुछ नौकरशाह (ब्यूरोक्रेट्स) भी इसमें सम्मिलित हैं। इन किताबों में उपरोक्त तीनों प्रकार के लेखकों के संयोजन द्वारा लेख, निबंध और भाषणों के संकलन इत्यादि होते हैं, तथा इसके अलावा प्रत्येक की पुस्तक के अपने-अपने पक्ष और विपक्ष भी होते हैं।

नैतिकता विषय की तैयारी की एक कठिनाई यह भी है कि इसके नोट्स और किताबें जल्दी पुरानी हो जाती हैं, क्योंकि प्रश्न पत्र का प्रारूप हर साल विकसित व बदलता रहता है। उदाहरण के लिये जो विचार आज सही है सम्भवत: वह कल के लिए न हो, इसलिए किताब का चुनाव सोच-समझकर करें। इंटरनेट पर इसके लिये बहुत सारे स्रोत मिलते हैं जिनमें कुछ बहुत ही सटीक तथा प्रभावी हैं। हार्वर्ड के प्रोफेसर माइकल सैंडल का एक कोर्स है जिसे जस्टिस कहा जाता है। यह वीडियो लेक्चर्स की एक बढ़िया श्रृंखला है जो एक नैतिकता की दुनिया से अपरिचित व्यक्ति को नैतिकता की समझ के बारे में उजागर करने में मदद प्रदान करती है। आपको YouTube की वेबसाईट पर इससे संबंधित विभिन्न सामयिक वीडियो भी मिल जाएंगे। इसके अलावा आप विभिन्न पश्चिमी सरकारों और संस्थानों जैसे ओईसीडी या यूएन से जुढ़े दस्तावेज़, किट और रिपोर्ट्स से अध्ययन कर सकते हैं (उदाहरण के लिये नोलन समिति, यूके की कैडबरी समिति इत्यादि)।

भारत सरकार ने सेकंड एआरसी (द्वितीय प्रशासनिक आयोग की रिपोर्ट) जैसी कुछ रिपोर्ट्स प्रकाशित की हैं। डीओपीटी (कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) ने भारतीय परिप्रेक्ष्य के साथ सिविल सेवकों के लिए नैतिकता पर एक अच्छा मैनुअल प्रकाशित किया है, इसके अतिरिक्त गृह मंत्रालय, डीएआरपीजी (प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग) के भी अपने कई मैनुअल हैं जिन्हें आप देख सकते हैं। इन सभी स्रोतों की जानकारी के साथ-साथ इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि पिछले वर्ष की परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों को बिल्कुल नजरअंदाज न करें, विषय के बदलते रुझान पर विशेष ध्यान दें और उसी के अनुसार अपनी अध्ययन सामग्री चुनें।

अच्छे अंक पाने के लिए एथिक्स को कैसे तैयार करें।


इसके लिये पहला और सबसे महत्वपूर्ण तरीका है केस स्टडी के माध्यम से अभ्यास करना। इसके लिये शुरू में अधिक के अधिक केस स्टडीज़ पढ़ें, क्योंकि ऐसा करते समय आप देखेंगे कि हर स्थिति एक निश्चित निर्णय लेने या प्रतिक्रिया की मांग करती है जो दूसरी से अलग होती है। आप देखेंगे कि केस स्टडी का दृष्टिकोण संदर्भ के आधार पर भिन्न होता है। केस स्टडी प्रारूप व्यवसाय अध्ययन, चिकित्सा, सैन्य रणनीतियों, कानून आदि में एक मानक शैक्षणिक उपकरण है तथा उनमें से प्रत्येक की अपनी एक शैली होती है। स्थितिजन्य मामलों के अध्ययन में व्यावहारिक उत्तरों की और सामाजिक मामलों के अध्ययन में सामाजिक जागरूकता की अधिक जाँच की जाती है, जबकि कुछ मामलों के अध्ययन में प्रशासनिक दृष्टिकोण के अनुप्रयोग की जाँच की जाती है। एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण (स्वोट विश्लेषण), हितधारक विश्लेषण (स्टेकहोल्डर एनालिसिस) आदि पर कुछ बुनियादी सामग्री पढ़ें जो आपको केस स्टडी पर नियंत्रण प्रदान करती हैं।

अखबार पढ़ते समय उस टापिक से संबंधित विभिन्न लोगों के कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें, इस प्रकार से आप हितधारक, संचार और निर्णय लेना से संबंधित चीजों के बारे जान सकेंगे। कई अभ्यर्थी तैयारी के लिये बहुत सारे अध्ययन संसाधनों क प्रयोग करते हैं प्रयास करें कि केवल उसी पर ध्यान केंद्रित किया जाए जिसकी आवश्यकता है, क्योंकि इससे समय और ऊर्जा व्यर्थ हो सकती है। इस विषय के लिये उत्तर लेखन भी अत्यन्त जरूरी है, इसलिये नैतिकता अभिव्यक्ति के बारे में सतत लेखन अभ्यास से ही इसमें सुधार किया जा सकता है। अंत में याद रखें कि पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें और पुस्तकों व अध्ययन स्रोतों के अतिरिक्त अपने स्वयं के उदाहरण, विश्लेषण और समझ के साथ उत्तर देने का प्रयास करें।

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