यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के दौरान क्या करें और क्या न करें।
यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के दौरान क्या करें और क्या न करें।
प्रिय अभ्यर्थियों, इस लेख में हम सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा देने जा रहे उम्मीदवारों के लिये तैयारी करते समय ध्यान देने योग्य बातों के बारे में चर्चा करेंगे। इसमें हम यह जानेंगे कि हमारी अध्ययन शैली कैसी हो तथा निर्धारित समयावधि में पाठ्यक्रम की तैयारी करने के लिये हमें क्या करना चाहिये और क्या नहीं करना चाहिये।
अध्ययन के दौरान करने योग्य महत्वपूर्ण कार्य
आप जो भी विषय पढ़ रहे हैं उसे दोहराना और उसकी अध्ययन प्रगति के अनुसार नियमित संशोधन करने की आदत बना लें, ताकि ऐसा न हो कि आप विषयों को जानते हुए भी उनके उत्तर न दे सकें और अपने अंक खो दें। ध्यान रखें कि उचित पुनरीक्षण किये बिना परीक्षा देते समय आप भ्रम की स्थिति में आ सकते हैं इसलिये अपने अध्ययन का संशोधन और रिवीजन अवश्य करें, अन्यथा आपकी मेहनत बेकार हो सकती है।
यदि हम पिछले कुछ वर्षों की प्रारंभिक परीक्षा के प्रमुख विषयों का अवलोकन करें तो हम यह देख सकते हैं कि कई विषय अवधारणात्मक प्रकृति के होते हैं। इसलिए पिछले 4-5 साल के प्रश्न पत्रों को देखें और प्रत्येक विषय पर पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार का आकलन करें। उदाहरण के लिए, राजव्यवस्था में, आपको पूर्व राष्ट्रपतियों, चुनाव आयुक्तों आदि के नाम याद करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पहले उनसे प्रश्न पूछे जाते थे लेकिन अब नहीं।
इकोनॉमी का पेपर अब अत्यधिक वैचारिक और अत्यधिक स्कोरिंग है। इसलिए बेसिक्स को समझने पर ध्यान दें। सभी विषयों का आकलन करें। यह ध्यान रखें कि यदि आपकी तैयारी परीक्षा पैटर्न से मेल नहीं खाती है, तो आप केवल समय बर्बाद कर रहे होंगे, इसलिये परीक्षा के पाठ्यक्रम/पैटर्न के अनुसार तैयारी करें।
करेंट अफेयर्स की तैयारी करते समय कई छात्र परीक्षा के कुछ हफ्तों में करंट अफेयर्स को पूरा करने का प्रयास करते हैं। किन्तु वास्तविकता यह है, कि यह आपके लिये एक सही नहीं रहेगा और आप इतने बड़े अध्ययन कार्य को इतने कम समय में कुशलता से करने में सक्षम नही रहेंगे। इसलिए प्रारंभ से ही प्रतिदिन कुछ घंटे करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिये निर्धारित करें और सुनिश्चित करें कि नियमित रूप से उनका रिवीजन भी करते रहें। मानचित्र कार्य के लिये भी यही नियम लागू होता है, ठीक इसी प्रकार इसके लिए भी प्रतिदिन एक छोटा सा समय आवंटित करें और तदानुसार तैयारी करना सुनिश्चित करें।
किसी भी कार्य को पूरा करने के लिये नियमित अभ्यास व प्रयास ही आपको सफलता प्राप्त कराता है। टेस्ट सीरीज़ अथवा माडल पेपर्स इत्यादि के अभ्यास से आपको परीक्षा की तैयारी में अत्यधिक मदद मिलेगी। अपनी तैयारी के स्तर की अधिक परवाह किए बिना निरंतर प्रयास करते रहें। इससे आपको अपनी तैयारी के स्तर, समय प्रबंधन की आपकी क्षमता और प्रश्नों या विकल्पों को सही से पढ़ कर उत्तर देने की समझ इत्यादि में होने वाली त्रुटियों को दूर करनें में मदद मिलेगी।
जब परीक्षा का समय नजदीक हो तो अध्ययन के लिये अवंटित घंटों के दौरान अपने आप को अधिक सक्रिय रखनें के लिए एक दिनचर्या (टाईम टेबल) बनाएं। परीक्षा से पहले के अंतिम सप्ताहों के दौरान यह सुनिश्चित करें कि आप सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे और दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे के दो टाईम स्लॉट्स में एकाग्रता के साथ गहन अध्ययन या अभ्यास कर रहे हों। इस प्रकार के नियमित प्रयासों से आपका मस्तिष्क उन घंटों के दौरान सबसे अधिक सक्रिय होने का आदी हो जाएगा।
परीक्षा भवन में किन बातों का ध्यान रखें।
परीक्षा के एक दिन पहले ही परीक्षा स्थल की जाँच करें। स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति जो आपके साथ जा रहा हो उसके साथ परीक्षा के दिन से पहले एक बार परीक्षा स्थल पर अवश्य जाना चाहिए, ताकि परीक्षा के दिन किसी प्रकार के असमंजस की स्थिति न रहे। परीक्षा स्थल पर पहुंचने के लिये आप परिवहन के सर्वोत्तम तरीके को अपनांए, जैसे आटॊ रिक्शा, टैक्सी या प्राइवेट कैब सर्विस का उपयोग कर सकते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उस दिन ये सभी सुविधांए व्यस्त भी हो सकती है अत:, यदि आप कैब में जाने की योजना बना रहे हैं तो याद रखें कि इस दिन इन साधनों की भारी मांग हो सकती है और इसलिए आपको निर्धारित समय से 10-15 मिनट पहले का अतिरिक्त समय लेकर चलना चाहिए। समय पर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचें और सुनिश्चित करें कि आप निर्धारित समय से 45 मिनट से 1 घंटे पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचें। ध्यान रहे कि अंतिम समय पर हड़बड़ी और कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने की चिंता आपकी एकाग्रता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
अधिकांश उम्मीदवारों में यह देखा गया है कि वे परीक्षा के दिन उनके मन में अपनी तैयारी तथा प्रदर्शन को लेकर अत्यधिक चिंता व डर की स्थिति बनी रहती है। ध्यान रहे, कि यह परीक्षा सबके लिए एक जैसी है तथा अपनी तैयारी पर भरोसा रखें और केवल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बारे में सोंचे। परीक्षा से पहले या परीक्षा के दौरान इस प्रकार की कोई भी चिंता या असमंजस आपके प्रदर्शन को प्रभावित करेगी। यदि आप इस तरह की परिस्थिति महसूस कर रहें हैं तो शांति पाने के लिए अपनी आंखें बंद करें, कुछ समय के लिये सोंचना कुछ बंद कर दें और "एक मिनट के लिए गहरी सांस लें" और फिर आगे बढ़ें।
यह भी संभव है कि आपको पहली नजर में पेपर कठिन लगे और आपको लगे कि "आप कुछ नहीं जानते या आप अब क्या करेंगे"। किन्तु डरें नहीं और शांत रहें, प्रश्न पत्र में दिए गए प्रत्येक प्रश्न को धैर्य पूर्वक ध्यान से पढ़ें तो आप देखेंगे कि आपको पर्याप्त संख्या में ऐसे प्रश्न मिलेंगे जिनका आप उत्तर दे सकते हैं। यह न सोचें कि आप तैयार नहीं हैं या कम तैयार हैं, आपकी तैयारी एक वस्तुनिष्ठ वास्तविकता है और परीक्षा के दिन यह बदल नहीं सकती है। परीक्षा से कुछ दिनों पहले के समय में जितना हो सके उतना समय अपना ध्यान केंद्रित करने और अध्ययन करने में लगाएं, क्योंकि यह परीक्षा से पहले आपकी मानसिक स्थिति को मजबूत बनाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण कदम है। एक बार जब आप पेपर देने का फैसला कर लेते हैं तो अपनी तैयारी को लेकर असमंजस वाले विचारों को अपने दिमाग में न आने दें, और केवल आप जो जानते हैं उस पर ध्यान केंद्रित करें तथा आत्मविश्वास के साथ अपने पेपर को हल करने का प्रयास करें।
ओएमआर शीट को समुचित तरीके से भरना भी एक कला है और इसके लिये भी एक छोटी सी रणनीति बनाकर परीक्षा दें। ध्यान रखें कि ओएमआर शीट भरने के काम को अंत के लिये न छोड़ें, कई छात्र अक्सर इस तथ्य को नजरअंदाज कर देते हैं और बाद में उन्हें ओएमआर शीट भरने अधिक समय लग जाता है। ओएमआर शीट भरना प्रीलिम्स परीक्षा का एक सबसे महत्वपूर्ण भाग है और यदि आप प्रत्येक प्रश्न के बाद ओएमआर शीट को नहीं भरना चाहते हैं, तो इसे कम से कम प्रत्येक 45-50 मिनट के बाद भरना सुनिश्चित करें। इस तरीके से केवल यह फायदा नहीं होगा कि आप निर्धारित समय में अपनी ओएमआर शीट भर सकेंगे, बल्कि इस तरीके को अपनाने से आपको अंत में भी अपने पेपर की बेहतर योजना बनाने में भरपूर मदद मिलेगी। इसके अलावा, ओएमआर शीट भरते समय अपने मन में प्रश्नों की संख्या को पढ़ना सुनिश्चित करें, क्योंकि प्रश्न संख्या देखे बिना उनका सीरियल भरने से आपको बड़ी परेशानियां भी हो सकती है।
परीक्षा के दौरान आपको एक अटेंडेंस शीट भरनी होगी जिसमें आपको कई गोले भी भरने होंगे, इसलिये अटेंडेंस शीट भरने में कोई गलती न करें और बहुत सावधान रहें। इस काम में केवल 1-2 मिनट का समय लगते हैं। छात्रों द्वारा परीक्षा पत्रक में गलतियाँ करना काफी देखा गया है, इसलिये ध्यान रहे कि यह न केवल आपका समय बर्बाद करेगा बल्कि आपके लिये अतिरिक्त समस्या भी पैदा करेगा। हालाँकि, यदि आप कोई गलती करते हैं तो सामान्यत: परीक्षा केंद्र इसमें आपकी मदद भी करते हैं, किन्तु आप इसे भरते समय बहुत सावधान रहें।
शत-प्रतिशत प्रश्नों को हल करने का बहुत अधिक प्रयास न करें और यह कभी न सोचें कि आपको पूर्व निर्धारित संख्या में प्रश्नों का प्रयास करना होगा, क्योंकि प्रश्न पत्र को हल करने के बाद ही आप अंदाजा लगा पाएंगे कि पेपर कितना कठिन है। पेपर में कोई प्रश्न न छोड़ें और सभी प्रश्नों और विकल्पों को कम से कम एक बार अवश्य पढ़ें। इस बात को समझें कि परीक्षा पेपर में हमेशा 2-4 ऐसे प्रश्न होंगे जिनका उत्तर आप केवल प्रश्नों और विकल्पों को ध्यान से पढ़कर दे सकते हैं। न्यूनतम जानकारी के साथ भी आप 2-4 विकल्पों को आसानी से पूरा करने में सक्षम होंगे। ध्यान रहे कि 90 से 100 प्रश्नों को हल करने का प्रयास करने के लिए मजबूर न हों क्योंकि कुछ ही टॉपर्स ने ऐसा किया हुआ है। यदि पेपर बहुत कठिन लगता है और आपकी तैयारी अच्छी रही है, तो प्रारंभिक परीक्षा के पेपर - 1 में लगभग 70 प्रश्नों को हल करना भी पर्याप्त हो सकता है।
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