यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिये सेल्फ-इम्प्रूवमेंट टिप्स।

आईएएस परीक्षा में सफलता पाने की रणनीति व टिप्स।

Golden Rules to Crack IAS Exam

उम्मीदवारों के लिए आईएएस परीक्षा की तैयारी का समय एक चुनौती पूर्ण अवधि है। इस परीक्षा के विशाल पाठ्यक्रम और कठोर प्रतिस्पर्धा के कारण लाखों परीक्षार्थी प्रारंभिक स्तरीय परीक्षा में ही असफल हो जाते हैं। क्या आप चाहते हैं कि आप भी उनमें से एक हों - जो आधे रास्ते पर अपने सपनों को छोड़ देते हैं?  या फिर आप यह चाहते हैं कि अपने जीवन में एक सिविल सेवक के रूप में पहचाने जाएं?

यदि आप शीर्ष तक पहुंचना चाहते हैं, तो आपको चढ़ाई करना होगी और ध्यान रहे कि चोटी पर चढ़ना कोई आसान काम नहीं है, क्योंकि जैसे जैसे आप ऊपर जाते है तो यह और भी मुश्किल होता जाता है। आपको खुद को एक उच्च व्यक्ति के रूप में ढालना होगा और एक सिविल सेवा छात्र के रूप में आईएएस बनने के इस मिशन को पूरा करने के लिये आगे बढ़ना होगा। यूएसपीसी परीक्षा को लिए आत्म विकास (Self Improvement) के कुछ गोल्डन रूल्स जाननें के लिये इस लेख को पढ़ें।

अपनी गलतियों को स्वीकार करें और उनसे सीखें।


अपने आप को सुधारने की दिशा में पहला कदम अपनी गलतियों और कमजोरियों को स्वीकार करना है। यदि आप अपने पिछले असफल प्रयासों से आहत हैं, तो विश्लेषण करें कि आपने क्या और कैसे गलत किया और उन्हें ठीक करने के लिए अतिशीघ्र प्रयास करना शुरू करें। यदि पूर्व परीक्षा में आपने एक अनुपयुक्त वैकल्पिक विषय ले लिया था, तो वर्तमान परीक्षा समय में इसे बदलने की अवश्यकता होने पर इससे डरने की जरूरत नहीं है। उस नये विषय का यूपीएससी द्वारा दिये पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन करें।

अपने डर का सामना करें।


भय जीवन में कई चीजों से आपको दूर रखता है। यह डर ही है जो आपको सिविल सेवाओं के बारे में सपने देखने से भी रोकता है और बहुत से लोग आईएएस परीक्षा का प्रयास करने के बारे में सोचते तक नहीं हैं। याद रखिये ये "भय केवल एक मानसिक स्थिति है" जिस पर एक अचूक तैयारी और कुशल अभ्यास द्वारा विजय प्राप्त की जा सकती है। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी साहस के और उत्साह के साथ करें तथा अपने व्यक्तिगत विकास के लिये भी निरंतर परीक्षण और अभ्यास करें। यह भी ध्यान रखिये कि यूपीएससी इंटरव्यू में आपका उच्च व्यक्तित्व और आपकी संतुलित विचारधारा ही आपकी सफलता की कुंजी है।

अपनी इच्छा शक्ति प्रबल रखें।


इच्छा शक्ति एक ऐसी जादू की गोली है,  जो आपको सफलता की किसी भी ऊंचाई तक ले जा सकती है। आईएएस बनने के अपने दृढ़ संकल्प पर टिके रहें, और आपने भीतर किसी भी प्रकार का वैचारिक असमंजस या संदेह न रखें। अपने ज्ञान के विकास के लिए अन्य स्रोतों से भी सहायता की आवश्यकता होती है, इसलिये मार्गदर्शन के लिए अपने सीनियर व विशेषज्ञों से दिशानिर्देश लेते रहें।

एक फ्रेंच कवि विक्टर ह्यूगो का कथन है कि: "लोगों में शक्ति की नही, बल्कि इच्छा शक्ति की कमी है" (“People do not lack strength; they lack will.” – Victor Hugo).

ईमानदारी और अनुशासन से ही सफलता मिलती है।


एक बार बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता है, इसे व्यर्थ कार्यों में बरबाद न करें। आईएएस परीक्षा में सफलता पाने की तैयारी करने के लिये समय प्रबंधन की तकनीक सीखकर अपनी उत्पादकता में सुधार करें। जब जीवन में सफल होने की बात आती है तो अनुशासन पूर्ण जीवन बहुत महत्वपूर्ण है और यूपीएससी की इस परीक्षा में अनुशासित उम्मीदवार ही सफलता हासिल कर सकते हैं।

स्वयं को नियंत्रित करना आत्म सुधार की ओर एक बुनियादी कदम है। आप अपने जीवन के मालिक हैं और अपनी विफलताओं के लिए परिस्थितियों या दूसरों को दोष देना उचित नहीं है, ये केवल बहाने हैं। यदि एक रिक्शा खींचने वाले का बेटा, रेस्तरां में काम करने वाला वेटर, दृष्टिहीन महिला, शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति, या फिर शुरुआती स्कूल या कालेज में एक लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले छात्र एल आईएएस ऑफिसर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं, तो आप भी कर सकते हैं।

अपने आरामदायक जीवन व सुविधाओं से बाहर आयें।


Before you say ‘I Can’t', say “I’ll Try” and then GIVE IT YOUR BEST!

बहुत से लोग यह जानते हैं कि "नो पेन, नो गेन" - "NO PAIN NO GAIN". यह कहावत याद रखें कि कड़ी मेहनत और समर्पण के बिना कोई सफलता पाना संभव नहीं है, आपको सफलता के लिए अपनी सुख सुविधा के क्षेत्र से बाहर निकलना होगा और अपने हित के लिये आवश्यक कदम उठाने होंगे। आपके पास जो कुछ भी नहीं है उसके बारे में शिकायत करने के बजाय, आपके पास अभी जो कुछ है उसके लिए सदैव ईश्वर के आभारी रहें। यदि आप अच्छे मन और शरीर के हैं, तो आप निश्चित रूप से इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने में सक्षम रहेंगे। आपको केवल सही दृष्टिकोण और आत्मविश्वास की आवश्यकता है, इसलिये हमेशा सकारात्मक और आदर्शवादी रहें।

अंत में बात जो एक फ्रांसीसी फुटबॉल किंवदंती ज़िनेडीन जिदाने, ने कही थी कि "एक बार मैं दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलने गया, लेकिन मैं दुखी था क्योंकि मेरे पास जूते नहीं थे, लेकिन एक दिन मैंने एक ऐसे आदमी को देखा जिसका पैर नहीं था और बाद में मुझे यह एहसास हुआ कि मैं कितना भाग्यशाली हूं।"

परीक्षाओं के लिये शुभकामनाएं।


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