नये छात्र आईएएस परीक्षा की तैयारी कैसे करें। (Prepare IAS Exam During Graduation)

IAS कैसे बने : आईएएस परीक्षा की तैयारी कैसे करें?

Process, Pattern and Strategy to crack IAS Preयह तो हम सभी जानते हैं कि संघ लोक सेवा आयोग (यू०पी०एस०सी०) सिविल सेवा परीक्षा आयोजित कराता है, और यह देश की एक कठिन व प्रतिष्ठित परीक्षा है। फिर भी लाखों युवा छात्र देश के कोने-कोने से इस परीक्षा की तैयारी करते हैं और एक आई०ए०एस० अफसर बनने का सपना देखते हैं। यदि हम इस परीक्षा की प्रक्रिया व प्रकृति को देखें तो हम पायेंगे कि इस परीक्षा में सफलता पाने के लिये हमें चाहिये कि हम एक सटीक रणनीति और व्यवस्था के साथ तैयारी करें। सामान्यत: एक अभ्यर्थी यदि इस परीक्षा की तैयारी स्नातक स्तर से ही शुरू कर दें तो यह भी संभव है कि इस सेवा में जाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है, और अभ्यार्थी सफलता पूर्वक इस प्रतिष्ठित सेवा में अपना भविष्य निर्धारित कर सकते हैं ।

IASPlanner.com के माध्यम से इस आलेख में हम स्नातक शिक्षा चरण के अभ्यार्थियों को आई०ए०एस० परीक्षा की तैयारी कैसे करे ये बताएंगे जिससे छात्र एक अचूक रणनीति बनाकर आगे बढ़ सकें और अपने सपने साकार कर सकें ।

मुख्यत: इस कठिन परीक्षा में सफलता पाने के लिये अभ्यर्थीयों में शैक्षिक योग्यता के साथ अनुशासन व धैर्य होना अतिआवश्यक है, और एक समझदार अभ्यर्थी को यह चाहिये कि वह इस परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले यह निर्धारित करले कि उसमे पर्याप्त व उचित योग्यता, अनुशासन और धैर्य है, जिससे वह इस परीक्षा में निश्चित सफलता प्राप्त कर सके ।

अध्ययन सामग्री व रणनीति निर्धारण


सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए सामान्यत: दो से तीन वर्ष का समय पर्याप्त माना जाता है, परन्तु यह भी आवश्यक है कि एक अभ्यर्थी अपने पठन/पाठन तथा उसकी विषयवस्तु की समझ व आधारभूत आवश्यताओं का पालन करें। यदि ऐसा हो तो इस परीक्षा में सफलता मिलने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है, और यह योजना एक अभ्यार्थी अपनी स्नातक शिक्षा के साथ-साथ बना व समझ सकता है।

इस परीक्षा की तैयारी के प्रारंभ मे अभ्यार्थी को सर्वप्रथम एन०सी०ई०आर०टी० (NCERT) की किताबों का अध्ययन करना होगा, जिससे छात्र अपनी आधारभूत, विश्लेषणात्मक व भाषा की समझ और क्षमता का भी विकास कर पायेगा। साथ ही साथ सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम का अध्ययन भी इस परीक्षा की तैयारी की दृष्टि से अति आवश्यक है, याद रहे कि योजना और रणनीति के अनुसार ही सभी प्रकार के अध्ययन कार्य का अनुपालन करना होता है। आम तौर पर यह पाया गया है कई छात्र अपनी स्नातक शिक्षा में चयनित विषयों मे से ही एक विषय इस परीक्षा के मुख्य चरण के लिये चुनते है, और विषय निर्धारित करने के उपरांत अभ्यार्थी को अपनी स्नातक शिक्षा के चलते ही चयनित वैकल्पिक विषय का अध्ययन शुरू कर देना होता है। इसके लिये छात्र उस विषय के अनुरूप किताबें व अध्ययन सामग्री का चयन कर सकते हैं।

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिये अभ्यार्थियों को कई प्रकार की अध्ययन सामग्री व विषय क्षेत्रों जैसे समसामयिक मुद्दो के लिये द-हिन्दू, ईण्डियन एक्सप्रेस जैसे न्यूज़ पेपर (समाचार पत्रों) व बीबीसी / डीडी न्यूज बुलेटिन (BBC or DD News) इत्यादि का दैनिक उपयोग करना होता है। और इसी प्रकार की अध्ययन प्रणाली से छात्र समसामयिक मुद्दो की तैयारी करते हैं जो कि परीक्षा में सफलता पाने के दृष्टिकोण से लाभदायक सिद्ध होता है। गत वर्षों में प्रारंभिक परीक्षा प्रश्नपत्र में समसामयिक मुद्दो से संबंधित प्रश्नों का अच्छा अनुपात रहा है अत: यह अध्ययन सामग्री का यह भाग अतिमहत्वपूर्ण होता है। छात्रों को यह चाहिये कि वे अध्ययन के लिये उचित पुस्तकों का चयन करें और उनका समुचित तरीके से अध्ययन करे। यह भी जरूरी है कि प्रारंभ मे उच्चस्तरीय किताबों के बदले छात्र उन किताबों से अध्ययन करे जिनमें सरल व बुनियादी जानकारी दी गयी हो, जैसे एन०सी०ई०आर०टी० और एन०आई०ओ०एस० (NIOS) की पुस्तकें जो की आनलाईन नि:शुल्क भी उपलब्ध हैं। बुनियादी व आधारभूत जानकारी का अध्ययन करने के पश्चात छात्र उस विषय के लिये विस्तृत अध्ययन हेतु उपयुक्त पुस्तकों व अध्ययन सामग्री का उपयोग कर सकते हैं।

याद रखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें


याद रहे कि इस परीक्षा में विषयों का चयन एक अतिमहत्वपूर्ण चरण होता है और इसी पर आपकी तैयारी व सफलता निर्धारित होती है, अत: विषय चुनते समय स्वयं ही निर्णय लें क्योंकि किसी भी विषय का अध्ययन असंभव नही है, अपितु अभ्यार्थी की उस विषय में रुचि ही सफलता पाने का प्रथम व मूलभूत आधार है। सिविल सेवा परीक्षा का पाठ्यक्रम विशाल होने के कारण हमें वर्ष भर अध्ययन करना होगा, और इसलिए  आपको इस योजना को सफल बनाने के लिये कठिन प्रयास करने होंगे और इसीसे आप इस विशालकाय पाठ्यक्रम को सफलता पूर्वक पूरा कर सकेंगे। इसलिये अध्ययन अवधी को धीरे-धीरे बढ़ाये और परीक्षापयोगी तथ्यों का रट्टा मारने के बजाय उसकी विषयवस्तु को समझें और अपनी अवधारणात्मक समझ को बढ़ायें तभी इस परीक्षा में सफलता पाना संभव हो सकता है।

कुछ शिक्षाप्रद व महत्वपूर्ण आलेख


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